Visitors

hit counter

Godham Pathmeda

Sunday, September 14, 2008

गोमाता को बचाओ

सांचौर,राजस्थान गोरक्षा समिति के तत्वावधान में गोभक्तों ने प्रदेश के समस्त अनाश्रित गोवंश को बचाने के लिए चार सूत्रीय मांगों को लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन में बताया कि गोवंश की हत्या बंद कर उसे राज्य प्राणी घोषित किया जाना चाहिए। बीमार, वृद्ध, निराश्रित असहाय एवं कत्लखाने ले जाते समय पकड़ में आने वाले गोवंश को आश्रय देने वाली गोशालाओं को स्थायी अनुदान उपलब्ध कराने, कांकरेज, थारपारकार, राठ व रेडी गोवंश के संवर्धन के लिए उन्नत नंदीशालाओं की स्थापना करने, गोचर, ओरण, तालाब एवं चारागाहों को आबाद करके सीमांकित करने तथा उन्हें गोचारण तथा गोपालन के लिए विकसित करने समेत कई मांगों को लेकर गोभक्तों ने ज्ञापन दिया।ज्ञापन देने में गोधाम पथमेड़ा के ज्ञानानंद महाराज, रविचरण महाराज, गोधाम पथमेड़ा के राष्ट्रीय महामंत्री पूनम राजपुरोहित, पं. पुखराज द्विवेदी, पार्षद भागीरथ व्यास, गोधाम के पूर्व अघ्यक्ष मनरूपसिंह राव, भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के नगर अघ्यक्ष हरीश पुरोहित समेत कई जने मौजूद रहे।रैली निकालीगोवंश बचाने के लिए चार सूत्री मांग को लेकर गोभक्तों ने मंगलवार को नगर में रैली निकाली। रैली में गोभक्त ने गो हत्या बंद करने, जो गो रक्षा की बात करेगा वही देश पर राज करेगा, गो हत्यारों को फांसी दो के नारे लगाए। रैली से पहले गोभक्त बाबा रूगनाथपुरी डेरी में एकत्र हुए। वहां से रैली के रूप में उपखण्ड कार्यालय पहंुचे व तहसीलदार को चार सूत्रीय मांग पत्र का ज्ञापन सौंपा।

Friday, September 12, 2008

गाय हमारी माता है:-

Marwar News
जालोर ।गाय हमारी माता है। यदि गाय पर कोई संकट आया तो हम मर मिटेंगे। गाय की सेवा करने में ही हमारा समय व्यतीत हो जाता है, लेकिन राज्य सरकार की ओर से हमारी मांगों पर सकारात्मक कदम नहीं उठाने पर आंदोलन का मार्ग अख्तियार करना पड़ा। ये विचार कामघेनु कल्याण परिषद के राष्ट्रीय संरक्षक और मुख्य वक्ता ज्ञानानंद महाराज ने रावण चबूतरे पर गुरूवार दोपहर को आयोजित सभा के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार कई योजनाओं पर पानी की तरह पैसा बहा रही है, लेकिन गाय के बारे में सोचने का किसी के पास समय नहीं है। हर रोज गोवंश को कत्लखानों में भेजा रहा है, लेकिन उन्हें रोकने वाला व सख्त कार्रवाई करने वाला कोई नहीं है। ऎसे में गोभक्त आंदोलन करना होगा। इस बार इन्द्र के रूठने से अकाल की स्थिति उत्पन्न हो रही है। ऎसे में गाय के लिए अनुदान देना चाहिए। सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। गली-मोहल्लों में गायों की स्थिति दयनीय हो रही है। हालांकि गोभक्तों की कमी नहीं है और गायों के लिए वे समय तैयार रहते हैं, लेकिन पथमेड़ा समेत कई गोशालाओं में लाखों गायों का पालन होता है। ऎसी स्थिति में सरकार का रवैया सहयोगात्मक होना चाहिए, जबकि सत्ता पर आसीन लोगों के पास गोभक्तों की बात सुनने का समय तक नहीं है। इस दौरान पथमेड़ा से संत समुदाय, विश्व हिन्दू परिष्ाद के प्रवीणसिंह नाथावत, रघुनाथसिंह देवड़ा, कल्याणसिंह धानपुर, रतनसिंह भागली, बन्नेसिंह मीठड़ी, छोगसिंह राजपुरोहित सांकरणा, कृष्णपालसिंह सामुजा, आवड़दान और आनंदसिंह समेत कई लोगों ने गोभक्तों से सम्पर्क किया।