
नैनी बाई मायरा कथा का समापन
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बाड़मेर में नंदीशाला व गायों के अस्पताल के लिए प्रदेश के अन्य जिलों व पड़ोसी राज्यों से दानदाताओं ने की भूमिदान की घोषणा, दोनों हाथ खड़े कर भक्तों ने लिया गोसेवा का संकल्प
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बाड़मेर
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शहर के वंृदावन धाम में गो सेवार्थ आयोजित नैनी बाई का मायरा कथा थार के गोवंश के लिए वरदान साबित हुई। बाड़मेर में पथमेड़ा गोधाम की ओर से नंदीशाला व गोवंश के उपचारार्थ अस्पताल खोलने के लिए एक बीघा भूमिदान व गोग्रास के लिए शहर के दानदाताओं के साथ संस्कार चैनल पर हो रहे लाइव प्रसारण के माध्यम से प्रदेश के जयपुर व पड़ोसी राज्यों से दानदाताओं ने ऑनलाइन भूमि दान की घोषणा कर कथा को सार्थक कर दिया।
वंृदावन धाम में मंगलवार को नैनी बाई रो मायरो कथा का वाचन करते हुए राधाकृष्ण महाराज ने कहा कि नरसिंह मेहता जब बेटी के ससुराल में भोजन के दौरान तिरस्कार करने के बावजूद भगवान ने पांच पकवान थाली में लाने का वृतांत सुन कई भक्तों की आंखें नम हो गईं। इससे पूर्व गो ऋषि दतशरणानंद महाराज पथमेड़ा ने उपस्थित भक्तों को गौ माता की सेवा करने का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा बिना दूध देने वाली गाय की सेवा करना ही परमधर्म है। बिना इच्छा के सेवा करने से सब कुछ मिलता है। इस मौके पर पूर्व विधायक हरी सिंह सोढ़ा ने गाय सेवा का संकल्प लेते हुए व्यास पीठ से आशीर्वाद लिया।
नंदीशाला खोलने पर सहमति जताई : कार्यकर्ताओं की बैठक में पथमेड़ा धाम के गो ऋषि दतशरणानंद ने बाड़मेर में गायों के लिए अस्पताल और नंदीशाला खोलने की आवश्यकता जताई जिस पर कार्यकर्ताओं ने सहमति जताई। इसके लिए भामाशाह ओमप्रकाश मूथा, मांगीलाल शर्मा, बंशीलाल गर्ग, अमरचंद, आलोक सिंहल, जितेंद्र बंसल और रेखाराम बंसल ने आजीवन ट्रस्टी बनने की सहमति दी। उन्होंने गौ अस्पताल और नंदीशाला खोलने का संकल्प लिया। वहीं एकादशी पर सद्कार्य करने का संकल्प कथावाचक राधाकृष्ण महाराज ने प्रतिदिन प्रभातफेरी में जाने के निर्णय के साथ दिलाया।
गौ ग्रास हुंडी भरने उमड़े श्रद्धालु : आयोजन समिति के मीडिया प्रभारी ओम जोशी ने बताया कि नैनी बाई रो मायरा भरने के लिए गौ ग्रास की हुंडी भरने के लिए श्रद्धालु उमड़ पड़े। पथमेड़ा के गौ भक्त चंपालाल चौधरी ने श्रद्धालुओं को गौ माता के लिए दान पुण्य करने को प्रेरित किया। श्रद्धालुओं ने नकद राशि के अलावा गौ माता के अस्पताल के लिए भूमि दान करने की घोषणा भी की।
संतों का रहा सान्निध्य कथा के दौरान स्वामी प्रतापपुरी तारातरा मठ, रामद्वारा के रामस्वरूप शास्त्री, सिणधरी के रुघनाथ भारती और गंगागिरी मठ के खुशाल गिरी का सान्निध्य रहा।इससे पूर्व दैनिक यजमान अमरचंद सिंहल, फरसाराम मोहन गोयल, सत्यनारायण परिवार ने व्यास पीठ से आशीर्वाद लिया। भामाशाह खेराज राम, तुलसाराम प्रजापत, ओमप्रकाश, घनश्यामदास मुथा, मदनलाल, जयप्रकाश सिंहल ने कथावाचक का माल्यार्पण किया। प्रवक्ता हनुमानराम डऊकिया ने बताया कि समारोह में कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया।संचालन जानकी प्रसाद गुप्ता ने किया। |
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